सर्दियों में पानी पीने की सही मात्रा और इसके लाभ-
हमारे शरीर का 50 से 70 फीसदी हिस्सा पानी से बना होता है। हालांकि, यह फीसदी व्यक्ति की एज, जेंडर, वेट, और बॉडी टाइप के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर सर्दियों के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं। ठंडी हवाओं के कारण प्यास नहीं लगती है. आमतौर पर लोगों को लगता है शरीर में पानी की कमी की समस्या सिर्फ गर्मियों के मौसम में होती है, हालांकि, यह बात एकदम गलत है। मौसम चाहे गर्मी का हो या सर्दी का, सभी लोगों के लिए प्रतिदिन जरूरी मात्रा में पानी या तरल पदार्थों का सेवन बेहद जरूरी होता है। क्योंकि शरीर में पानी की कमी किसी भी मौसम में हो सकती है। इसके कारण कई बार शरीर में कुछ गंभीर समस्याओं व अवस्थाओं का कारण भी बन सकती है।
जानकारों और चिकित्सकों सभी का कहना है तथा कई शोधों में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि शरीर में पानी की कमी होना या डिहाइड्रेशन होना ना सिर्फ कुछ रोगों के होने की आशंका को बढ़ा सकता है बल्कि यह कई बार आम और गंभीर, दोनों प्रकार के रोगों के रिस्क को भी बढ़ा सकता है. इसलिए, हमें ठंड के मौसम खाना खाने से ज्यादा पानी की मात्रा पर ध्यान देना जरूरी होता है।
सर्दियों में एक व्यक्ति को कितने गिलास पानी पीना चाहिए?
सर्दियों में सुबह से लेकर रात तक पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत बनाएं। सर्दियों के दौरान प्यास न होने पर भी दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जो पुरुष शारीरिक रूप से एक्टिव होते हैं उन्हें दिन में 10 से 14 गिलास पानी पीना चाहिए। वहीं, महिलाओं को 8 से 12 गिलास तक पानी पीना चाहिए। इसके अलावा आप पानी की जगह जूस, दूध, चाय और नारियल पानी भी पी सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा नहीं होती हैं।
मोटापा एक समस्या है
कम पानी पीने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। हम एक दिन में कितना खाना खाते हैं इसके आधार पर हमें उतना ही पानी पीना चाहिए जितना हमारे शरीर को चाहिए. अन्यथा खाया हुआ भोजन पच नहीं पाता है. इससे मोटापा बढ़ता है।
बदबू
कम पानी पीने से गला और मुंह सूखने की समस्याएं हो सकती है. इस कारण मुंह में बैक्टीरिया भी जमा हो जाते हैं और मुंह से दुर्गंध भी आती है. इसके अलावा, जब शरीर निर्जलित होता है, तो पसीना आना और पेशाब आना कम हो जाता है. इससे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते और इससे अधिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।
सिरदर्द
कम पानी पीने से सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है. दरअसल, यह समस्या पानी की कमी के कारण मस्तिष्क कोशिकाओं के अस्थायी रूप से सिकुडऩे के कारण होती है। शरीर में पानी की कमी के कारण पेट में एसिड का निर्माण बढ़ जाता है। इससे पेट में गैस बनने लगती है और कब्ज सहित सीने में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
थकान, शुष्क त्वचा
शरीर को एक्टिव रूप से कार्य करने के लिए पानी आवश्यक होती है। अगर शरीर में पानी की कमी हो तो थोड़ा सा भी काम करने पर आपको थकान महसूस हो सकती है. शरीर में पानी की कमी से त्वचा में रूखापन, काले घेरे, खुजली और झुर्रियां जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
डिहाइड्रेशन के लक्षण
डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो हर उम्र में शरीर में पानी की कमी के लक्षण लगभग एक जैसे ही ही हैं लेकिन उम्र के अनुसार कभी-कभी कुछ लक्षण अलग भी हो सकते हैं। विशेषतौर पर छोटे बच्चों में पानी की कमी होने पर मुंह और जीभ पर खुश्की, रोने पर आंसुओं में कमी तथा कम पेशाब आने जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं।