केदारनाथ विधानसभा के उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में हुई सुरक्षित
रूद्रप्रयाग/देहरादून। कई दिन तक चले तूफानी प्रचार के बाद बुधवार को मतदाताओं ने प्रत्याशियों की तकदीर का फैसला कर दिया।
जाड़ों की गुनगुनी धूप के बीच केदारनाथ विधानसभा में लगभग 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। निर्वाचन आयोग ने शाम छह बजे तक 57.64 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा जारी किया।
सुदूरवर्ती पोलिंग पार्टी के मुख्यालय आने तक मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज किए जाने की उम्मीद है। 23 नवंबर को मतगणना होगी।
मतदान में महिला मतदाताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। सुबह 9 बजे तक 4.30 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था।
1 बजे तक 34.40 ,3 बजे तक 47 व 5 बजे तक 56.78 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा।लिया।
इसके बाद मतदान ने तेजी पकड़ी। शाम छह बजे तक 57.64 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा जारी किया गया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी वी आर सी पुरुषोत्तम के कुशल नेतृत्व में 07-केदारनाथ विधानसभा उप निर्वाचन शांतिपूर्वक एवं पारदर्शिता के साथ संपन्न हो गया है। सायं 6 बजे तक कुल 57.64 प्रतिशत मतदान हुआ। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने सफलता पूर्वक संपन्न हुए मतदान के लिए समस्त अधिकारियों-कार्मिकों को बधाई दी है। साथ ही सभी जनपद वासियों का भी सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 07-केदारनाथ उप निर्वाचन में कुल 57.64 प्रतिशत मतदान हुआ है। उन्होंने कहा कि विधान सभा उप निर्वाचन में इस बार कुल 90 हजार, 875 मतदाता थे जिनमें 45 हजार 956 महिला मतदाता तथा 44 हजार 919 पुरुष मतदाता शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि विधान सभा के अंतर्गत सभी पोलिंग बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ है। किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना की सूचना कहीं से भी प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि निर्वाचन हेतु मतदेय स्थलों हेतु तैनात अधिकतर पोलिंग पार्टियां वापस आना शुरू हो गई हैं।
मुख्य मुकाबला भाजपा की आशा नौटियाल व कांग्रेस के मनोज रावत के बीच है। मतदान के बाद दोनों दलों के नेताओं ने अपनी अपनी जीत का दावा किया।
सीएम धामी ने केदारनाथ विधानसभा में पांच जनसभाएं कर भाजपा को जिताने की अपील की। कांग्रेस के सभी क्षत्रप केदारनाथ विस के गांव -गांव प्रचार करते देखे गए। दोनों दलों ने मुद्दों को लेकर एक दूसरे पर कड़े प्रहार किए।
पूर्व में बदरीनाथ व मंगलौर विधानसभा का उपचुनाव भाजपा हार चुकी है। लिहाजा, केदारनाथ विधानसभा की जीत-हार दोनों दलों के लिए मायने रखेगी। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले केदारनाथ के सेमीफाइनल मैच में मतदाताओं का फैसला प्रदेश की राजनीति में एक नई इबारत लिखेगा।