उत्तराखंड

उत्तराखंड में गोल्डन कार्ड से जुड़ी समस्याओं का जल्द होगा समाधान

देहरादून।प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनरों व उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड के जरिए स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसकी मुख्य वजह अस्पतालों को भुगतान न होना है।जिसकी वजह से अस्पतालों ने इलाज करने से अपने हाथ पीछे खींच लिया है।जिसके चलते अब स्वास्थ्य विभाग ने गोल्डन कार्डधारियों की दिक्कतों को ठीक करने का निर्णय लिया है. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में गोल्डन कार्ड योजना की समीक्षा की. समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने अधिकारियों को गोल्डन कार्ड योजना के सभी लाभार्थियों को योजना का पूरा लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश दिये. इसके लिये उन्होंने अधिकारियों को ठोस योजना तैयार करने को कहा, ताकि गोल्डन कार्ड धारकों को योजना का लाभ मिलता रहे. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को हितधारकों से सुझाव लेकर प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये. जिससे इसे कैबिनेट बैठक में लाया जा सके।

बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारकों की ओर से आने वाले अंशदान के मुकाबले उपचार खर्च में भारी बढ़ोत्तरी हुई है. ऐसे में गैप फंडिग के कारण योजना का संचालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजकीय व स्वायत कार्मिकों और पेंशनर्स की ओर से कुल 150 करोड़ रूपये का अंशदान जमा हुआ था, जबकि योजना के तहत लाभार्थियों के उपचार पर रूपये 335 करोड़ का खर्च आया है. जिससे अस्पतालों का भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में योजना के सुचारू संचालन के लिये विभागीय अधिकारियों ने मास्टर पैकेज, अंशदान में बढ़ोतरी, अस्पतालों द्वारा अनुचित आर्थिक लाभ लिए जाने की प्रवृत्ति पर अंकुश, सेवा प्रदाता को प्रोत्साहन, औषधि केंदों से दवा वितरण समेत कई सुझाव रखे थे।

इसके अलावा, समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में तकनीकी संवर्ग के तहत तमाम पदों पर जल्द भर्ती के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने प्रदेशभर के अधिकांश अस्पतालों में चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करा दिये हैं. ऐसे में उनके संचालन एवं रख-रखाव के लिये तकनीशियों और तमाम चिकित्सालयों की पैथोलॉजी एवं ब्लड बैंकों में लैब तकनीशियनों की नियुक्ति करना जरूरी है. इसके लिये आईपीएचएस मानकों के अनुसार हर अस्पतालों में प्रमुख रूप से लैब तकनीशियन, ओटी तकनीशियन, डायलिसिस तकनीशियन, ईसीजी तकनीशियन, एक्स-रे तकनीशियन, ऑप्टोमेट्रिस्ट के पदों को जल्द सृजित कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये।

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