उत्तराखंड

राज्यपाल और मुख्यमंत्री धामी ने नौसेना दिवस समारोह में लिया हिस्सा

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय जलसर्वेक्षण कार्यालय में नौसेना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पुस्तक ‘इंडियन लिस्ट ऑफ रेडियो सिग्नल्स वॉल्यूम 1-2‘ का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की उपलब्धियों का स्मरण करते हुए कहा कि यह नौसेना सहित पूरे देश के लिए गौरवान्वित महसूस करने और उस जीत को याद करने का अवसर है। राज्यपाल ने सभी देशवासियों को नौसेना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय नौसेना पर हम सभी को गर्व है। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम उन वीर सपूतों को नमन कर रहे हैं जिन्होंने हमारे समुद्री हितों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक कार्यालय, इस शक्तिशाली बल का एक अभिन्न अंग है, जो हमारे समुद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनएचओ, समुद्रों और जलमार्गों का सटीक मानचित्रण करके नौसेना और तटरक्षक बल को हमारे समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए सक्षम बनाता है। एनएचओ द्वारा हाल ही में किए गए अंतर्देशीय जल निकायों के सर्वेक्षण का उपक्रम विशेष रूप से सराहनीय है। पैंगोंगसो झील और नैनीताल झील के सफल सर्वेक्षण, इस संगठन की बहुमुखी प्रतिभा और राष्ट्रीय विकास के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं। ये पहल न केवल इन महत्वपूर्ण जल निकायों की हमारी समझ को बढ़ाती हैं, बल्कि उनके संरक्षण और सतत प्रबंधन में भी योगदान करती हैं।

राज्यपाल ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वायत्त प्रणाली और उपग्रह दूरसंवेदन जैसी उभरती टेक्नोलॉजी समुद्री संचालन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखती हैं। इन प्रगतिशील तकनीकों को अपनाकर, हमारी नौसेना समुद्री शक्ति के क्षेत्र में अग्रणी बनी रहेगी। हमारे वीर सैनिकों के बलिदान और समर्पण ने भारतीय नौसेना और एनएचओ की सफलता की नींव रखी है। हम उनके कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण के प्रति कृतज्ञ हैं। हमें खुशी है कि आज के युवा अधिकारी और नाविक उनकी विरासत से प्रेरित हैं और व्यावसायिकता और सेवा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रमुख वैश्विक शक्ति के लिए एक मजबूत नौसेना का होना आवश्यक है, वर्तमान सरकार द्वारा नौसेना की क्षमताओं को उन्नत करना और स्वराज्य को मजबूत करने के लिए उन्हें आवश्यक संसाधन प्रदान करना सशक्त भारत के निर्माण के लिए एक दूरदर्शी कदम है।

राज्यपाल ने कहा कि पिछले 5-6 वर्षों के दौरान नौसेना के आधुनिकीकरण बजट का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप हम स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के लिए नौसेना क्षमताओं के महत्व को पहचानने के लिए शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता को जानना और समझना जरूरी है, जिन्होंने एक शक्तिशाली नौसेना का मसौदा तैयार किया था।

राज्यपाल ने कहा कि आज हमारी नारी शक्ति देश की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं, आज वे सशस्त्र बलों से लेकर संसद तक हर क्षेत्र में देश के विकास में बराबर की भागीदारी कर रही हैं। अब सशस्त्र बलों में नारी शक्ति को मजबूत करने पर भी जोर दिया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि आज हमारे संकल्पों, भावनाओं और आकांक्षाओं की एकता के सकारात्मक परिणामों की झलक दिखाई दे रही है, क्योंकि आज प्रत्येक भारतीय ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से प्रेरित है। आज देश, इतिहास से प्रेरणा लेकर संकल्प के साथ उज्ज्वल भविष्य का रोड मैप तैयार करने में जुटा है। यह संकल्प हमें विकसित भारत की ओर ले जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को नेवी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन भारतीय नौसेना की वीरता और समर्पण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। नौसेना देश की वो शक्ति है जिससे भारत के दुश्मन टकराने से डरते हैं। भारतीय नौसेना अपने पराक्रम, साहस और कौशल के दम पर हमेशा देश की रक्षा और देश का मान बढ़ाती है। उन्होंने कहा 4 दिसंबर 1971 का दिन, युद्ध इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। जब भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट‘ चलाकर दुश्मन देश के षडयंत्रों को विफल किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा के साथ आपदा के समय में भी अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाता है।भारतीय नौसेना ने सदैव आगे बढ़कर मानवता की सेवा की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज भारत प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। रक्षा उपकरणों के निर्माण के क्षेत्र में भी देश लगातार प्रगति कर रहा है।भारतीय नौसेना के लिए भारत में ही जहाज और सबमरीनो का निर्माण किया जा रहा है, जो आत्मनिर्भर भारत की क्षमता की अद्वितीय मिसाल है। उन्होंने कहा आज भारत की सेनाएँ दुश्मन की गोलियों का जवाब हमेशा गोलों से देती हैं।

इस अवसर पर वाइस एडमिरल लोचन सिंह पठानिया, एडमिरल पीयूश पावसे, ज्वाइंट चीफ हाइड्रोग्राफर, से0नि0वाइस एडमिरल थपलियाल, से0नि0 वाइस एडमिरल विनय बधवार एंव अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *