उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए केंद्रीय एजेंसियां युद्धस्तर पर कार्य कर रही हैं
उत्तराखंड में, पांच केंद्रीय एजेंसियों तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड-ओ.एन.जी.सी., सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड-एस.जे.वी.एन.एल., रेल विकास निगम लिमिटेड-आर.वी.एन.एल., राष्ट्रीय राजमार्ग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड-एन.एच.आई.डी.सी.एल. और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड- टी.एच.डी.सी.एल. को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। ये एजेंसी उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए मिलकर युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं। उनमें से प्रत्येक श्रमिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट कार्य सौंपे गए हैं। सरकार फंसे हुए लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए लगातार संपर्क बनाए हुए है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कल रात से उत्तरकाशी के मटाली में एक अस्थायी कैंप कार्यालय स्थापित किया है, जहां से वह बचाव कार्यों की निगरानी करने के साथ-साथ अपना प्रशासनिक कार्य भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने फंसे मजदूरों से भी बात की है।
दूसरी ओर, सुरंग के सुरक्षित हिस्से में, बिजली और पानी की आपूर्ति चालू है, और फंसे हुए श्रमिकों को 4 से 6 इंच की समर्पित कंप्रेसर पाइपलाइन के माध्यम से भोजन और दवाएं भेजी जा रही हैं। इसी महीने की 12 तारीख को भूस्खलन के कारण सिल्क्यारा से बारकोट तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिसके बाद 41 मजदूर अंदर फंस गए हैं।