भारत अब एक ऐसा राष्ट्र है, जो नए वैश्विक मंचों का नेतृत्व और निर्माण करता हैः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत अब एक ऐसा राष्ट्र बन चुका है, जो नए वैश्विक मंचों का नेतृत्व और निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि कोई भी कड़ा फैसला भारत के लिए मुश्किल नहीं होता, क्योंकि सभी कदम राष्ट्र प्रथम के नजरिए से उठाए जाते हैं। एक समाचार पत्रिका को दिए साक्षात्कार में श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी निर्णय राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिए हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्व में भारत का समय है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी की गारंटी चुनाव जीतने के लिए बनाया गया फॉर्मूला नहीं है, बल्कि ये गरीबों का विश्वास है। उन्होंने कहा कि आज देश का हर गरीब यह जानता है कि प्रधानमंत्री अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे। श्री मोदी ने कहा कि 2014 में जब वो प्रधानमंत्री बने तब देश की अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन डॉलर की थी और वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में भारत का सकल घरेलू उत्पादन दर 3.75 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और इसके लिए सभी प्रयास किए गए हैं। उन्होंने बताया कि बुनियादी ढांचे में निवेश का विकास और रोजगार पर कई गुना प्रभाव पड़ता है। श्री मोदी ने कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण सबसे तेज गति से हो रहा है और सभी क्षेत्र 10 साल पहले की तुलना में बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा एक कैडर आधारित पार्टी है, जो एक स्पष्ट मिशन से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के रूप में शुरुआत की और समर्पण और कड़ी मेहनत के दम पर आगे बढ़े। श्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में नई पीढ़ी को अवसर देना जरूरी है।
जम्मू-कश्मीर पर उन्होंने कहा कि सरकार ने सुरक्षा, विकास, बुनियादी ढांचे, निवेश और सुधारों के माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार के साथ एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर में सुधार, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर सृजत करके उनके लिए स्थायी शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने की राह पर है।
भारत की जी20 की अध्यक्षता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 मजबूत और अधिक उद्देश्यपूर्ण बनकर उभरा है, जिसने वैश्विक एजेंडे को और अधिक प्रभावी ढंग से आकार दिया है।
भारत के पड़ोसियों विशेषकर पाकिस्तान और चीन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पड़ोसियों के साथ निपटने का तरीका आवश्यकता पड़ने पर रचनात्मक, सहयोगात्मक और दृढ़ रहना है।